2014-06-30

कला आ पर्यावरणकेँ जोड़ैत मिथिला चित्रकला

मिथिला चित्रकलामे कला आ पर्यावरणके अन्तरसम्बन्ध देखएबाक अद्भुत क्षमता रहल कला आ संस्कृतिविद्सभ कहलनि अछि । हरेक मिथिला चित्रकलामे पर्यावरण आ मानवताकेँ जोड़ल गेल चित्रकलाका जानकारसभ कहलनि । 

कला आ पर्यावरणकेँ अन्तरसम्बन्ध विषयपर राजधानीमे जेठ २२ गतेसँ १ अषाढ़धरि चित्रकला प्रदर्शनीक आयोजन कएल गेल । जाहिमे नेपालक २७ आ भारतक ६ गोटे चित्रकार मिथिला पेन्टिंग प्रदर्शनी कएलनि । तहिना राजधानीक पारम्परिकपौवा चित्रकलाके सेहो प्रदर्शनी कएल गेल । बबरमहल स्थित नेपाल आर्ट काउन्सिलक हलके भेल प्रदर्शनीमे मिथिला चित्रकला आ पौवा चित्रकला कलाप्रेमीक बेश प्रशंसा पओलक ।
मिथिला चित्रकला कोनाकऽ कला आ पर्यावरणकेँ जोड़ैत अछि से बतएबालेल सहभागीसभ एक स एक चित्रकला प्रदर्शन कएलनि । अधिकांशमे लोकके दैनिकजीवनकेँ चित्रण कएल गेल छल । मधुबनीक अमरेश कुमार झा पानिभरिकऽ घुरैत महिलासभके मिथिला चित्रकलामे उतारने छलथि त बबिता साह कदम्ब गाछपर बैसि बाँसुरी बजबैत भगवान कृष्ण आ घासपात खाइत गायमालके सजिव चित्रण कएलनि । बौवा देवीक चित्रकलामे रामायणक झलक छल, हनुमान भगवान रामक सन्देश लऽकऽ जखन माँ सीताकेँ अशोक वाटिकामे भेटैत छथि ताहि क्षणके वौवा देवी अपन चित्रमे उतारने छलथि । तहिना देवकला कृषकके दैनन्दिनकेँ उजागर कएलनि । पशुपालन, खेतीगृहस्थीक चित्रमे पर्यावरणके महिन ढंगसँ जोड़ल गेल अछि ।
 
चित्रकलामे पार्यावरणसँ सम्बन्ध खोजबाक उद्देश्यसँ एहन कार्यक्रम पहिल बेर भेल । संस्कृतिविद् रामदयाल राकेश मिथिला कलामे पर्यावरण, डा वीणा बाङ्देल कलामे प्राचीनता आ आधुनिकता आ प्राध्यापक मुकुन्दराज अर्याल पौवाकलाक विषयमे मन्तव्य रखने रहथि । मिथिला चित्रकलामे पर्यावरणकेँ सम्बन्ध बतबैत राकेश कहलनि अष्टदल, षट्कोण, स्वस्तिक, सर्वतोभद्र, देवोत्थान, छठिसहितके अरिपनमे भूमि आ पर्यावरणकेँ सम्बन्ध अछि । मैथिली कलाकेँ मुख्य ध्येय पर्यावरण संरक्षण रहल राकेशक कहब छन्हि । विवाहमे आम आ महुआके विवाह होइ वाबटसावित्री पूजामे बड़के पूजा सभमे पर्यावरण संरक्षणके सन्देश निहीत अछि । 


प्रदर्शनीमे नेपालक अजित साह, प्रीति ठाकुर, बबिता झा, रीना साह, बबी झा, रेणु कर्ण, चन्दा साह, रेवती मण्डल, देवकला, रुवी कर्ण, गंगावती, सरस्वती झा, गीता कर्ण, शोभा देवी, ज्ञान कुम, श्याम सुन्दर यादव, इनद्रकला निधि, सुधिरा कर्ण, मदन कला, सुलेखा साह, मधुमाला मण्डल, सुलोचना कर्ण, मञ्जुला ठाकुर, सुनिता शर्मा, फुलो साह, उर्मिला यादव आ पुनम झा सहभागी रहथि । तहिना मधुबनीसँ अमरेशकुमार झा, गविता देवी, बबिता साह, रंजित झा, बौआ देवी आ रेखा झा सहभागी छलथि । नेपाल आर्ट काउन्सिल आ विपी कोइराला भारत नेपाल फाउण्डेशनकेँ संयुक्त आयोजनमे प्रदर्शनी भेल छल । साभार नयाँ नेपाल २०७१ साल अषाढ १६ गते 

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