2020-01-05

प्रज्ञा मनाओत अन्तर्राष्ट्रिय मातृभाषा दिवस

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान मातृभाषा राष्ट्रिय कविता महोत्सवक आयोजन कर’ जारहल अछि ।   

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक प्राज्ञ तथा मातृभाषा विभागक प्रमुख डा. योगेन्द्रप्रसाद यादव अन्तर्राष्ट्रिय मातृभाषा दिवसके उपलक्ष्यमे दू दिना कार्यक्रम हएबाक जानकारी देलन्हि । जाहिमे पहिल दिन फागुन ८ गते मातृभाषाक महत्व, मातृभाषामे शिक्षा, मातृभाषाक संरक्षणसहितके विषयमे गोष्ठी आ दोसर दिन फागुन ९ गते र्याली आ कविता महोत्सव हएत से प्राज्ञ यादव जानकारी देलन्हि । 
एहि महोत्सवमे नेपाली भाषा बाहेकके भाषासभमे लिखल कविता पठएबालेल प्रतिष्ठान आह्वान कएलक अछि । बेशीमे १ सय ५० शब्दधरिके कविता नेपाली भाषामे अनुवादसहित पठएबाकलेल प्रतिष्ठान सूचना जारी कएलक अछि । माघ मसान्तधरि प्रतिष्ठानमे इच्छुक कवि अपन कविता पठा सकैत छथि । तहिना कविके फोटो, व्यक्तिगत विवरण सेहो इमेल करब आवश्यक अछि । महोत्सवक लेल चयन भेल कविताक लेल प्रतिष्ठान कविके पारिश्रमिकके सेहो दैत अछि । 
अन्तर्राष्ट्रिय मातृभाषा दिवस हरेक साल अंग्रेजी क्यालेण्डरअनुसार फरबरी २१ तारिखमे मनाओल जाइत अछि । बङ्गलादेशमे सन् १९५२ मे मातृभाषाक रुपमे बङ्गाली भाषा बाज’ पाबी से मांग कएनिहार विद्यार्थी मारल गेल छल, वएह दिनके संस्मरणमे इ दिवस मनाओल जाइत अछि । 
तत्कालिन समयमे बङ्गलादेशके पूर्वी पाकिस्तान कहल जाइत छल । सन् १९९९ नोभेम्बर १७ मे युनेस्को सेहो एहि दिवसके मान्यता देलक । बादमे सन् २००० मे संयुक्त राष्ट्र संंघ एहि दिनके मातृभाषा दिवसक रुपमे मनएबाक आह्वान कएने छल । तहिएसँ विश्वभर इ दिवस मातृभाषाक सम्मान करैत मनाओल जाइत अछि । नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान सेहो हरेक वर्ष मातृभाषा राष्ट्रिय कविता महोत्सव आयोजन करैत आएल अछि ।
भाषिक, सांस्कृतिक विविधताके सम्मान, मातृभाषामे शिक्षा लेबाक अधिकारके सुनिश्चित करबाक लेल विश्व बहुतो देशमे इ दिवस मनाओल जाइत अछि । युनेस्कोके अनुसार ६ हजार भाषामेसँ ४३ प्रतिशत भाषा संकटमे अछि । 

किया नइँ होइछै चिनी उद्योगपर कारवाही ?



सर्लाही जिलाक उइख (कुशियार) किसान चिनी उद्योगसँ पाइ नइँ भेटलाक बाद संघीय राजधानी काठमाण्डूमे आइबक’ प्रदर्शन क’ रहल अछि । ओसभ राजधानीक माइतीघर मण्डलामे सरकार माघमहिनाक पहिल सप्ताहभितरमे पाइ दिअएबाक प्रतिबद्धता केलक अछि ।

मुदा किसानसभ सरकार बेर बेर आश्वासन दैतो कार्यान्वयन नइँ कएने कहैत प्रदर्शन जारी रखबाक चेतावनी देलक अछि । किसानक करोडो रुपैया बाँकी रहितो चिनी उद्योग कोनो बास्ता नइँ केलाक बाद राजधानीधरि आब’लेल बाध्यभेल किसानसभक कहब अछि । सरकार चिनी उद्योगके कारवाही करबासँ आनाकानी कएलाक कारणेँ हरेक वर्ष उइख किसान पीडित होइत अछि ।
हरेक बेर सरकार बनलाकबाद आ नव उद्योग मन्त्री बहाल भेलाक बाद उइख किसानके भरोसा दिआओल जाइत अछि जे मिल सञ्चालकसँ पाइके भुक्तानी कराएब, उइखके मूल्यमे देखल समस्या समाधान करब । मुदा ओ आश्वासनसभ पूरा भेल रहैत त पुसक ठण्ढीमे किसान बिमार पडिक’ माइतीघरमे सुतबालेल बाध्य नइँ होइत ।

सरकारी तथ्यांक अनुसार चिनी उद्योग किसानक करोडो रुपैया बाँकी रखने अछि । कृषि विकास तथा पशुपंक्षी मन्त्रालयक तथ्यांकअनुसार बागमती सुगर मिल किसानक ८ करोड, लुम्बिनी चिनी उद्योग १० करोड, इन्दिरा सुगर प्रा.लि.११ करोड बाँकी रखने अछि ।

शीत–लहरीके प्रकोपसँ बँच’ लेल...

जिल्ला प्रशासन कार्याल धनुषासँ शीतलहर प्रभावितके कम्बलसहितके राहत सामग्री
उपलब्ध कराओल गेल अछि ।
 इ तस्वीर धनुषाक प्रमख जिल्ला अधिकारी प्रदीपराज कणेलक
फेसबुक वालसँ लेल गेल अछि । 

  • गरम कपडाक व्यवस्था करु । 
  • शीत–लहरीके समयमे घरबाहर खुला स्थानमे बेशी समय नईँ रहू, घरबाहर जाय परए वा बेशी समय रह’ परए त गरम कपडा पहिरु ।
  • राइतमे सिरक, कम्बल जेहन ओढना ओढू । 
  • घरभितर राइतमे सुतबाकाल शरीरके सँगहि छाती आ माथके झाँप’ के ओरिआओन करु । 
  • शीत–लहरी चलल समयमे आइग ताइपक’ शरीरके गरमेने रहू, छाती आ माथके ठण्ढासँ बचाउ ।
  • ठण्ढीके समयमे शरीरके लेल आवश्यक गरम खायबला वस्तुसब खाउ । 
  • धीयापूता, वृद्धवृद्धा, गर्भवती महिला आ बिमारके रेखदेखमे विशेष सतर्कता अपनबैत धीयापुताकेँ गरमाएल अवस्थामे रखबाक व्यवस्था करु ।
  • ठण्ढीके कारण बिमार होइते स्वास्थ्य चौकी वा अस्पतालमे तुरन्त इलाजके लेल ल’ जाउ ।  शीत–लहरी चलल समयमे घरमे पोसल पशुपंक्षीके भरिसक खुला स्थानमे चराब’लेल नईं ल’ जाउ । गोठमे राखिक’ पर्याप्त घास÷पोआर आ दाना देबाक व्यवस्था करु ।
  • ठण्ढीके कारण पशुपंक्षी बिमार भेलापर लगेके पशु चिकित्सालयमे तुरन्ते सम्पर्क क’ इलाज कराब’ ल’ जाउ । 
  • कोठली भितर आइग बाइरक’ गरम कएलापर पर्याप्त धुँवा निकल’ के अर्थात भेण्टिलेसनके व्यवस्था कर’ के नईं बिसरु । (स्रोत ः सूचना तथा प्रसारण विभाग )  

पुसैठक तैयारी

सुजीतकुमार झा

रीता देवी पुसैठक तैयारीमे लागल छथि । दू महिना पूर्व हुनका घरमे पोताक जन्म भेल छल । छठियारमे कोनो खास भोज नहि कएने छलहुँ पोताक पुसैठो कऽ लेब आ किछु कर कुटुम्ब आ परोसीके भोज सेहो खुवाबएके हुनक योजना रहल अछि ।
पुस महिना अबिते मिथिलाञ्चलक घर घरमे पुसैठक तैयारी भऽ जाइत अछि । एक बर्षधरिके बच्चाबला घरमे ई एकटा उत्सवे होइत अछि । पुरहित पेशासँ सम्बद्ध पण्डित विद्यानन्द झा कहैत छथि एहिमे बगिया बना कऽ बच्चाके सेकल जाइत अछि । एकरा बच्चाके सुरक्षासँ सेहो जोडैत छथि । ओ कहैत छथि पुस माघमे बहुत जाढ बढि जाइत अछि एहि जाढमे बच्चाके उत्सवक माध्यमसँ सुरक्षा प्रदान कएल जाइत अछि ।
पहिने बेटाके मात्र पुसैठ होइत छल मुदा आब बेटा बेटी दूनुके होबए लागल अछि । पुसैठ भेल बच्चाके गाल नहि फटैत छैक से मान्यता रहल महिला नेतृ पुनम झा मैथिल कहैत छथि ।

पुसैठमे कि सभ होइत अछि ?

माघ महिनासँ अगहन महिनाधरि जन्म भेल नवजात शिशुके पुसैठमे बगियाक माध्यमसँ सेकल जाइत अछि । दू चारि अंगनामे हकार पडैत अछि, महिलासभ जम्मा होइत छथि, किछु गीतनाद होइत अछि आ घरक ज्येष्ठ महिला पुसैठक लेल अलगसँ बनाओल गेल बगियासँ बच्चाके सेकैत छथि । बच्चाके शरीरक हरेक भागक आकारके चाउरक आँटाके बगिया बनाओल जाइत अछि । ओहिमे आन बगियाजकाँ गुँड़ नहि राखल जाइत अछि ।
बच्चाके सेकएसँ पहिने काजरक ठोप कएल जाइत अछि, नव वस्त्र पहिरेलाक बाद बयियासँ सेकएके परम्परा रहल देखल जाइत अछि ।
सेकेलाक बाद हकार पूरए आएल महिलासभके बगिया सेहो देल जाइत अछि । सिन्दुर, तेल लगाबएके संगहि सुपारी सेहो महिलासभके बाँटल जाइत अछि पत्रकारिता पेशासँ आवद्ध नेहा झा कहैत छथि । गीतनादक बाद हास्यपरिहासक सेहो माहौल बनि जाइत अछि ।
किछु बर्ष एम्हर एहि अवसरपर भोज करबाक परम्परा बढए लागल अछि । एहि मासमे दर्जनो घरमे भोज होइत अछि । पुसैठ इजोरिया पक्ष कऽ मात्रे होइत अछि । पुरहित पेशासँ आवद्ध पण्डित दिगम्बर झा दिनमणि कहैत छथि शनि, रवि आ मंगल कऽ पुसैठ नहि होइत अछि । आन दिन इजोरियामे कोनो दिन पुसैठ कएल जा सकैत अछि । 

बगियाक परम्परा
बगिया मिथिलाञ्चलमे प्राचीन कालेसँ बनैत आएल अछि । मिथिलाञ्चलक परम्परागत भोजन आ जलपानमे बगियाक चर्चा कतेको ठाम भेटैत अछि । बगिया नामसँ दर्जनो साहित्य रचना भेल अछि । कविता, कथा एतेधरि कि नाटक सेहो बगियापर लिखल गेल मैथिलीक बरिष्ठ साहित्यकार चन्द्रेश कहैत छथि । आधुनिक कथामे मात्रे नहि लोक कथासभमे सेहो बगिया चर्चा भेटैत अछि ।
बगिया चाउरक आँटासँ बनाओल जाइत अछि । अगहनमे धान उत्पादन होइत अछि आ नव चाउरक आँटासँ बगिया बनाबएके परम्परा रहल अछि । बगियाक शैली अलग प्रकारक होइत अछि । बिचमे चिपल आ उपर निचा आँगुरजकाँ ठाड आकारक बगिया होइत अछि ।  जाढमे बनाओल जाएबला बगिया स्वास्थ्यक लेल लाभदायक होइत अछि । जाढ महिनामे  सामान्य समयक तुलनामे शरिरके अधिक तापक्रमक आवश्यक्ता होइत अछि । शरीरके गर्मी प्रदान करबाक लेल सेहो बगिया उत्तम परिकार रहल स्वास्थ्य चिकित्सकसभ सेहो स्वीकार करैत छथि ।
चिकित्सकसभक अनुसार बगियामे प्रयोग होबए बला गुँड़ आ उरिदक दालि शरीरमे उर्जाक सञ्चार करैत अछि । अहुँ हिसाबसँ बगिया जाढ महिनामे उपयोगी भोजनक परिकार भऽ सकैत अछि । तएँ मिथिलाञ्चलमे सभसँ बेसी जाढ होबएबला महिना पुसमे बगिया बनाबएके परम्परा अछि । 

मुरली सर अतिक्रमणके चपेटमे

जनकपुरक विद्यापति चौकस्थित ऐतिहासिक महत्वके मुरली सर (पोखरि) । इ पोखरिके चारुकातसँ अतिक्रमण कएल जारहल अछि । 

मधेशी आयोग शुरु कएलक लोक सेवा तयारी

मधेशी समुदायक युवाकेँ निजामती सेवामे प्रवेश करएबालेल सहयोग करबाक बास्ते मधेशी आयोग लोक सेवा आयोगक निः शुल्क तयारी कक्षा संचालन शुरु कएलक अछि । आयोगक अध्यक्ष विजय कुमार दत्त आयोग इएह पुस ४ गतेसँ काठमाण्डूमे अधिकृत स्तरक पथम पत्रक तयारी कक्षा शुरु भेल जानकारी देलन्हि ।

आयोग सूचना जारी करैत इच्छुक उमेदवारसँ तालिममे सहभागी हेबाक लेल निवेदन देबाक आह्वान कएने छल । लोक सेवा आयोगक अधिकृत स्तरक प्रतिस्पर्धामे सहभागी हेबाक इच्छुक स्नातक तह उत्तीर्ण नेपाली नागरिक (मधेशी) सँ आवेदन आह्वान कएल गेल छल ।

आयोगक अध्यक्ष दत्तक अनुसार काठमाण्डूमे ५० गोटेके तयारी कक्षामे सहभागी कराओल जायत जाहिमे एक तिहाइ महिलाक सहभागिता रहत । आयोग पहिल बेर एहन तयारी कक्षाक सुरुवात क’ रहल कहैत अध्यक्ष दत्त एहिके प्रदेश १, २ आ ५ मे सेहो निरन्तरता देल जायत से कहलनि । ओ कहलनि ‘विराटनगर, जनकपुर आ नेपालगंजमे सेहो नायब सुब्बा तहके तैयारी कक्षा सञ्चालन कएल जायत ।’

राज्यमे मधेशी समुदायकेँ पहँच बिस्तार करएबालेल सशक्तिकरण आवश्यक रहल कहैत ओ आयोग मधेशी युवाकेँ सशक्त बनाक’ प्रतिस्पर्धामे अब्बल बनाब’ चाहैत अछि । तेँ एहिकेँ शुरुवात लोकसेवाक तयारी कक्षासँ भ’ रहल ओ कहलनि ।
मधेशी आयोगद्वारा सञ्चालित लोकसेवा तयारी कक्षा (शाखा अधिकृत प्रथम पत्र)क लेल चयन भेनिहार व्यक्तिक नामावली देखबाक लेल एहि लिंकमे क्लिक करु ।

2017-07-17

सर्वाङ्ग रोगी अञ्चल अस्पताल, इलाज के करत ?




जनकपुर अञ्चल अस्पताल बेर बेर चर्चामे अबैत रहैत अछि । कहियो अपरेशनके क्रममे चिकित्सक रुमाल रोगीके पेटमे छोड़ि देलक से घटना बाहर अबैत अछि त कहियो रोगी छटपटाइतो डिउटीमे खटल चिकित्सक आरामसँ सुतल रहैत अछि से खबर बाहर अबैत अछि ।
एखन जनकपुर अञ्चल अस्पताल फेरसँ चर्चामे अछि । अस्पतालके एकगोटे चिकित्सक निजी क्लिनिकके तुलनामे अस्पतालके सेवा महग रहल तथ्य विषय सामाजिक संजालपर रखलाक बाद अस्पतालसँ देल जायबला सेवा, सुविधा चर्चाके विषय बनल अछि । अञ्चलस्तरीय अस्पताल रहितो अस्पतालसँ देल जायबला सेवासुविधाके स्तर स्वास्थ्यचौकीयोसँ बत्तर अछि ।
अस्पतालके चिकित्सकसभके गैर जिम्मेवारीपनके कारण अस्पतालसँ सामान्य रोगमे सेहो रोगीके उचित उपचार नहि भेटैत छैक । अस्पतालमे कार्यरत चिकित्सक अस्पताल रोडमे रहल अपन निजि क्लिनिकमे बेशी अस्पतालमे कम समय दैत अछि । कतेको चिकित्सक अपन डिउटी समयमे सेहो अपन क्लिनिकमे अस्पतालसँ रेफर कएल रोगीके इलाजमे लागल रहैत अछि ।
अस्पतालमे रहल आधुनिक मेशिनसभके मेडिकल माफियासभ प्रयोगविहीन बनाकऽ रोगीके विभिन्न जाँचके लेल निजि नर्सिङ होममे रेफर करबाक त चलन भऽ गेल अछि । जनकपुर अञ्चल अस्पताल रोडमे रहल चिकित्सकसभके निजी क्लिनिक बेशी शुल्क लऽकऽ रोगीके जाँच करैत अछि, वएह रोगी अस्पतालमे जाइत अछि आ सम्बन्धित चिकित्सकसँ जाँच कराबऽ चाहैत अछि त ओ चिकित्सक उपलब्ध नहि रहैत अछि ।
अञ्चल अस्पतालके ई दुरावस्था कोनो नव बात नहि । आब इ विचारब जरुरी जे आखिर किया एना भऽ रहल छै । मेस्तरसँ लऽकऽ मेडिकल सुपरिटेण्डेण्टधरि स्थानीयबासी अछि । पछिल्का एक दशकसँ बेशी समयमँ अञ्चल अस्पतालके कमान धनुषा महोत्तरीबासीके हाथमे अछि । तैयो अस्पतालके स्रोत, साधनके दोहन आ रोगीके स्वास्थ्यसँ खेलवाड किया नहि रुकल अछि । आमरुपेँ जनकपुरमे दोष लगाओल जाइत अछि जे बाहरके लोक आबिकऽ एत्तऽ अधिकारी बनैया तेँ विकास नहि भेल । एहन आरोप लगेनिहारके अस्पतालके तथ्यांक पल्टाकऽ देखबाक चाही । के के मेसु बनलाह ? अस्पताल विकास समितिके अध्यक्षके तलब भत्ता के बुझलक ? ओ सभ अस्पतालके सुधारबास्ते की सभ कएलक ?
अस्पतालके कोनो एहन वार्ड आ सेवा नहि अछि जत्तऽ रोगी निश्चिन्त भऽ कऽ इलाज करासकए । कत्तउ दुर्गन्ध त कत्तउ मेशिन बिगरल । कहियो डाक्टरके अभाव त कखनो बिजली गुल । अस्पतालके एहन अवस्था देखिकऽ पाइबला त धरान, काठमाण्डू नहि त दरभंगा, पटना चलि जाइत अछि । गरिब, असहाय एखनो अपन जान जोगाबऽलेल वएह गन्हाएल अस्पतालक अपन साँस खोजैत अछि । ओ तऽ जनकपुरोके कोनो नर्सिङहोममे चिकित्सकके फिस देबऽके सामथ्र्य नहि रखैत अछि । एहन अवस्थामे अस्पताल शोषणके केन्द्र बनल अछि ।
रोगीसभके आरोप अछि जे नवसिखुआ विद्यार्थीसभ मात्रे इलाजबास्ते उपलब्ध रहैत अछि डाक्टरके त दर्शनो दुर्लभ । जँ रोगी अस्पतालके व्यवस्थाके विरोध करैत अछि त ओकरा डाँटल फटकारल जाइत अछि । पत्रकार अजय अनुरागी, घनश्याम मिश्र हालहिँ अस्पतालके दुरावस्थाके फेसबुकपर लाइभ देखाकऽ एहिके बहसमे आनि देने छथि ।
अस्पतालमे गरिब, असहायके लेल सरकारद्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराओल उपचार कहिया ककरा देल गेल ? निःशुल्क औषधिके वितरण केनाकऽ भऽ रहल अछि ? अस्पतालके अपन मेशिनसभहोइतो किया रोगीके बाहर जाँचबास्ते पठाओल जाइत अछि ? चिकित्सक डिउटीसमयमे किया नइँ उपलब्ध रहैत अछि ? एहन सयकड़ो प्रश्न अछि जकर जवाफ अस्पताल प्रशासन नहि दऽ सकल अछि ।
अञ्चल अस्पताल स्वास्थ्य सेवाक दृष्टिसँ दिनप्रतिदिन जर्जर हेबाक कारण खोजब जरुरी छै । जनकपुर क्षेत्रमे एकसँ एक चिकित्सकसभ अछि जे अस्पतालके नोकरीसँ प्रतिष्ठित भेल अछि, ओसभ अस्पतालके विकासमे कि सभ कएलनि से पुछल जयबाक चाही । पदलोलूप नेतासभ अस्पतालके सञ्चालक समितिमे रहिकऽ कोन कोन विषयमे सुधार कएलक तकर जवाफ सेहो जनकपुरवासीके मांगक चाही ।

क्लिनिकमे समय देब खराब नहि, मुदा अस्पतालमे आएल रोगीके फल्ना क्लिनिकमे हम बैसइ छी, ओत्तइ भेटू से कहीकऽ दोकानदारी करब केहन नैतिकता छै ? अस्पतालके मेशिन बिगाडिकऽ निजी क्लिनिक आ नर्सिङ होमके दलाली केनिहारउपर किया नहि छानबिन होइत छै ? अस्पताल सर्वाङ रोगी भऽ गेल अछि । जाधरि एकर सभ अंग प्रत्यंगके इलाज ठिक तरहेँ नहि हएत समस्या समाधान नहि हएत । सफाइ केनिहार मेस्तरसँ लऽ कऽ मेनेजर बनल मेसुधरिके जिम्मेवारी बोध करऽ पडतै ।