2014-08-16

मधुश्रावणी ः सफल दाम्पत्यक पाठशाला


मधुश्रावणीमे मिथिलाञ्चलमे गाम गाममे बेरिया खन कऽ बाध वनमे गीत गुञ्जैत रहल । । सोलहो श्रृंगारसँ सुशोभित नवविवाहिता कनियाँ अपन सखीसभ सँगे बाध वनमे घुमैत फुल तौडैÞत तथा विभिन्न गाछक झारिपात तोड़ैत देखल जाइत अछि । साउन महिनाक मौना पञ्चमीसँ एक दिन पूर्वसँ सुरु भऽ तेरह दिनधरि चलएबाला फुल लोढ़ी मंगलदिन सम्पन्न भेल अछि । विशेषतः व्राह्मण, कायस्थ, देव आ सोनार जातिमे होवएबला फुल लोढी मधुश्रावणी पावनिके पुरक अछि । अर्थात साँझमे लोढ़ल गेल फुल प्रातः काल विषहराके चढ़ा मधुश्रावणी पुजा कएल जाइत अछि । पतिकेँ दिर्घायूक कामना करैत नागकँे पुजा कएल जाएबला मधुश्रावणी पावनि धर्म, प्रकृति पुजा, पति प्रेम, सर्तकता तथा मनोरञ्जनक रुपमे लेल जाइत अछि ।

धर्म

हिन्दु धर्ममे नागकँे देवता मानल गेल अछि । महादेवक अंग भूषण आ विष्णुक आसन नागके पुजा कएलासँ धर्म होएबाक जनविश्वास अछि । मधुश्रावणी पावनिभरि महादेवक चर्चा परिचर्चा कएल जाइत अछि । मधुश्रावणीमे महादेव गौरी, गणेश, कर्तिकेय तथा आनन्य देवताक पुजा कएलासँ जीवन सुखी होएबाक मान्यता अछि । भगवानक पुजा कएलासँ भगवान आशीष देता, एहिसँ घर परिवार फुलत फलत आ हरेक मनोकामना पुरा हएत, मधुश्रावणी पुजि रहल जनकपुर ४ रहनिहारि अनीता कर्ण कहैत छथि, तएँ
हम नियम निष्ठासँ मधुश्रावणी पुजा कऽ रहल छि ।

प्रकृति पुजा


मधुश्रावणी पावनि प्रकृति पुजाक प्रतीक अछि । मधुश्रावणीमे नागक पुजा कएल जाइत अछि । प्रकृतिक एकटा सुन्दर उपहार नागक पुजा कएनाइ प्रकृति पुजा कएनाई समान अछि ।
एहि अतिरित्तm मधुश्रावणीमे नवकनियाँसभ फुल लोढैत छथि । फुल लोढ़बाक लेल ओ सभ सालभरि पहिनहिसँ घर आगन दुरादरबज्जापर फुलगुल लगाबए लगैत अछि । एहिसँ प्रकृतिक संरक्षण आ सम्बद्र्धनक सन्देश भेटैत अछि । फुल लोढएबालीसभ नीम, दाडिम, लताम, जाही(जुही सहितक गाछक पात फुलसभ तोड़ि डालीमे सजबैत अछि । ओ सभ ओहि अवसरमे प्रकृतिक अनुपम श्रृंगारमे डुबि जाइत अछि आ प्रकृतिक एकटा अंगक रुपमे भऽ जाइत अछि । एहन विशिष्ट प्रकृतिक प्रेमक स्वरुप अन्तः देखनाइ कठिन अछि । मिथिला संस्कृतिमे प्रकृति पुजाक एहन कतेको अवसर अछि जे प्रकृतिक संरक्षण सम्बर्धनक सन्देश दैत अछि । जेना जुड़शीतल । एहि पावनिमे लोकसभ गाछमे पानि पटबैत अछि । पुजा करबाक लेल फूल, बेलपत्र, कलशक लेल पल्लव आदि इत्यादिसभ प्रकृतिक पुजाक उदाहरण अछि आ मधुश्रावणी पुजा सेहो एकरे एकटा कड़ीक रुपमे मानल जाइत अछि । रेडियोकर्मी तथा शिक्षीका पुनम मिश्र कहैत छथि‘मधुश्रावणी पावनि नवकनियाँके प्रकृति जेकाँ स्वच्छता फैलबाक शिक्षा दैत अछि ।’ तहिना विभिन्न गाछ वृक्ष जेकाँ नवविवाहितक परिवार
बढ़ौ, घर भरलपुरल रहौक से कामना कएल जाइत अछि ।

पति प्रेम

मिथिलानीसभ पतिके परमेश्वर मानैत छथि । हुनक चरणमे अपन संसार देखबाक संस्कार व्याप्त रहल मिथिलानीसभ पतिक दिर्घायूक लेल कठोरसँ कठोर व्रत करैत छथि । जकर एकटा स्वरुप मधुश्रावणी सेहो अछि ।  मधुश्रावणीमे साँप किरा अपन पतिके नहि काटए तेँ विषहरिके पुजा कएल जाइत अछि । तहिना मधुश्रावणीमे सुनाओल जाएबला महादेव तथा अन्य देवी देवताक कथासभ सेहो प्रेमपर अधारित रहैत अछि । जे कथासभक सारतत्व एकहिटा पति प्रेमसँ जुड़ल रहैत अछि । शरीरिक तथा संवेगात्मक दुनु प्रकारक पे्रमक कथा सुनाओल जाएबला मधुश्रावणी पावनि केहनो कष्ट सहि कऽ पतिक सँग जीवन बितेवाक उत्प्रेरणा जगबैत अछि । मधुश्रावणीक अन्तिम दिन टेमी दागल जाइत अछि । अर्थात पति जरैत दीपसँ अपन कनियाँकँे दागि दैत अछि । तैयो कनियाँ अपन पतिके किछु नहि कहैत अछि जे ओकर सहनशीलताक परिचायक अछि । अपन पतिकेँ सभसँ उपर अपन सर्वस्व मानएकँे परम्परा रहलाक कारण महिलामे ओ भावना जगेवाक काज मधुश्रावणीमे होइत अछि । एहि पावनिमे पावनिभरि पति अपन पत्नीकसँग रहैत अछि । जाहिसँ हुनकासभ बीच पे्रम बढब स्वभाविक भऽ जाइत अछि ।

सर्तकता

साउन मास वर्षागुणीक समय अछि । बाढि पानिक कारण विहरिसभ भरि जाइत अछि जाहि कारण साँपक विगवीगी बढि जाइत अछि । साँपसभ घर आँंगनमे आवि डँसि लेलासँ मनुष्यके अकाल मृत्यु भऽ जाइत अछि । मधुश्रावणीक कथासभमे साँपसँ सतर्क रहबाक सन्देश अछि । एहि कथासभमे साँप किरासँ सुरक्षाक लेल विभिन्न उपायसभदेखाओल गेल अछि । अर्थात मधुश्रावणी पावनि सर्तकता आ सुरक्षाक सम्बन्धमे जनचेतना जगेबाक काज सेहो करैत अछि । मधुश्रावणी आ कला संस्कृति मधुश्रावणी पावनि कला सांस्कृतिक संरक्षणमे सेहो मुख्य भूमिका निर्वाह कऽ रहल अछि । एहि पावनिमे माटिक विषहरा बनाओल जाइत अछि । तहिना अरिपन सेहो बनाओल जाइत अछि । एहि अतिरित्तm महफा, कनियाँ, लीलीवासन सहित विभिन्न लोककला बनाओल जाइत अछि । पुस्तदर पुस्ता मिथिलानीसभ हस्तानान्तर करैत आएल मिथिला कला आइयो इएह कारण जिवैत अछि । तहिना विभिन्न दन्त्य कथा, गीत नादसभ मिथिला सांस्कृतिके बचा कऽ रखने अछि ।
मधुश्रावणीक कथामे घर गृहस्थीक जे मन्त्रसभ सिखाओल जाइत अछि ओ वास्तवमे सचेत मिथिला आ मैथिली सभ्याताकँे झलकवैत अछि ।

मनोरञ्जन

मनोरञ्जनक दुष्टिकोणसँ सेहो मधुश्रावणी पूजाक बड़ महत्व अछि । संगीसाथीसभक खेलकुद, नोंकझोंक, नाचगान जे मनोरञ्जन परसैत अछि ओ अपूर्व अछि । फुल लोढ़ैत काल सखीसहेली बीचक नोकझोंक होइ अथवा पुजैतकाल पाहुन सँग मजाक मधुश्रावणी पावनि जेहन स्वस्थ्य मनेरञ्जन परसैत अछि ओहिसँ श्रेष्ठ आन कोनो मनोरञ्जन नहि भऽ सकैय । अर्थात समग्रमे कहल जाए तऽ मधुश्रावणी पावनि एकटा दर्शन अछि जे जीवन जिबाक कला सिखवैत अछि । घर गृहस्थी धर्मकर्म तथा वंशवृद्धिक जे सन्देश मधुश्रावणीक
कथामे अछि ओ मैथिली सांस्कृतिक दुरदर्शीता झलकबैत अछि । साभार मिथिला डट कम
साभार गोरखापत्र मैथिली पृष्ठ २०७१ साउन १६ गते

पीतहास्यमे प्रियंकाक प्रशंसा

राजधानीमे वत्तीसपुतलीस्थित शिल्पी नाट्यघरमे पीतहास्य नामक नाटकमे अभिनय करैत प्रियंका झा । पीतहास्य नाटक अषाढ़ ३२ गते बुधदिनसँ सातदिनधरि मञ्चन भेल छल । नाटकमे मैथिली रंगकर्मी सेहो उत्कृष्ट प्रदर्शन कएलनि । मिथिला नाट्यकला परिषद्क प्रियंका झा नाटकमे अभिनयकऽ अपन प्रतिभा देखओलनि ।
तीन महिनाक कार्यशालाक बाद तैयार कएल गेल एहि नाटकमे समकालीन नेपाली समाजक प्रतिबिम्बन कएल गेल अछि । प्रियंका एहिमे मिथिला समाजमे महिलाक दारुण अवस्था, भेदभाव, दहेजक कारणेँ होबऽ बला उत्पीडन जेहन विषयकेँ प्रस्तुत कएने छलीह । हुनक एकल प्रस्तुतिमे मिथिलाञ्चलमे बेटीके संघर्षक कथा समेटल गेल छल । ओ अशिक्षा, विभेद, बहिष्कारसँ पीडित किशोरीकेँ अबस्थाके मर्मस्पर्शी ढंगसँ प्रस्तुत कएने छलीह ।
साभार गोरखापत्र मैथिली पृष्ठ २०७१ साउन १६ गते

बेटीके दहेज नईं, शिक्षा दिअ

स्नेहा झा

"ककरा कहबै के पतियेतै कोइली कने भोरेसँ
मिथिलाके इतिहास जे लिखल सबटा आँखिक नोरेसँ ।"

मिथिलाक गामघरमे लोक ई गीत बरसोंस गबैत आएल अछि । मिथिलाक बेटी जनक नन्दिनी जानकीकँे जीवनकथा जे एकबेर नोरसँ लिखेलै, से युग बदललै, सोच बदललै, जीवनशैली बदललै मुदा मिथिलाक बेटीके नियति नै बदललै । मिथिलाक बेटीक जीवन कथा आई सेहो नोरेसँ लिखाई छइ । पुरुषप्रधान समाज भेलाक कारणेँ मिथिलाक बेटी जीवनमें अपन इच्छाके रंग नै भइर सकली । जिनकर कला आ गुण संसारमें नाम कमोनै अइछ हुनक जीवनकेँ चित्र सबदिन दोसरके हाथमें रहलन । ओ सब दिन अग्निपरीक्षा दैत रहली । बेटीके परिवार आ समाजमे कोन स्थान छै से समदाउनक ई गीतेसँ नीक जकाँ बुझल जा सकैया ।

"बाबा यो धनसम्पती आँहा हारितौं कि हमरो बचबितौं यौ
बेटी हे धनसम्पती घरके लक्ष्मी तुहु पराई छह है ।"


जाहि बेटीके जन्मघर अपन नै बुभैmए ताहि बेटीकेँ दोसर कियो अपन कि बुझत ? समाजमे बेटी विवाह लेल वर बादमे ताकल जाइछइ मुदा दहेजक व्यवस्था बेटीक जन्मेसँ होबऽ लगैछइ । बेटीक शिक्षित आ आत्मनिर्भर बनेनाईसँ बेशी महत्व वरके शिक्षा आ सम्पन्नताकेँ देल जाइछइ । ओना बदलैत समयमे बेटीके पढ़ेबाक चाही से सोच सेहो बइढ़ रहल अछि मुदा अखनो बेटीके आत्मनिर्भर बना अपन पहिचान बनाबऽके लेल नहि भऽ निक घर वर भेटऽके आशसँ पढओल जाईछइ । बेटी अपन पायर पर ठाड़ भऽ अपन पिता या अपन पतिसँ अलग, अपन नाम अपन पहिचान बनाबए ताहिलेल नै । जहिया मातापिता बेटीकेँ उन्नतिपर गर्व केनाई सिखत तहिया बेटीके विवाहके लेल दहेजके बन्दोबस्त नै करऽ परतै । एकदिश मातापिता बेटाके पढालिखाकऽ नाम कमएबाक आशिर्वाद दैत अछि,  दोसर दिश बेटीके निक घर आ निक वर भेटऽके आशिर्वाद दैत अछि । जाहि उमेरमे बेटीकेँ पढ़िलिखिकऽ नाम कमाउ से शिक्षा देबाक चाहि ताहि उमेरमे नीक घरवरके सपना देखओनाइ शुरु भऽ जाइछइ ।

बेटीकेँ शिक्षित आ आत्मनिर्भर बनेबाक मतलब घरपरिवारकँे जिम्मेवारीसँ मुत्तm कऽ देब नै छइ । मुदा बेटी काल्हि जाकऽ ककरो पुतहू बनती ताहि कारणसँ कर्तव्यसँ मातापिता विमुख नै होथि । पढ़ल लिखल आ आत्मनिर्भर बेटी संस्कार आ कर्तव्य निर्वाह नईं कऽ सकती से त नईं छइ । आधुनिक समयमे एकटा सक्षम नागरिक बनएबालेल बेटीकेँ पढेनाइ जरुरी अछि । जँ बेटी नहि पढ़लक त ओ सही आ गलतके पहिचानो नहि कऽ सकत । बेटीकेँ एतेक काबिल बनाबी जाहिसँ जीवनके कठिन घड़ीमे ओ अपन समस्यासँ लड़ि सकए । ओ अपना लेल अपनेसँ किछु कऽ सकए । मुदा एखनो मैथिल समाज अपन बेटीकेँ सासुर विदा करसँ पहिने सब अन्याय, अत्याचार चुपचाप सहऽ के शिक्षा दैत अछि । एखनो सीताक त्यागकेँ उदाहरण दऽ मिथिलाक बेटीसँ अग्निपरीक्षा देबाक अपेक्षा राखल जाइत अछि ।

मुदा आब मिथिलाक बेटीकेँ जीवन कथा बदल पड़त । सब दिन समाजक रीतिकेँ दोष देलासँ किछ नै हएत । आब समय आइब गेलछइ अपनेसँ समाज परिवर्तनके लेल आगा बढ़ऽके, ई संस्कार बदलऽके, मिथिलाके बेटीकेँ पहिचान बदलऽके । बेटीक जीवनक निर्णय सभदिन कियो दोसर किया लेत । बेटीकेँ जीवन कथा हुनक नोरसँ आ ककरो दोसरकँे इच्छाकँे रंगसँ नहि रंगाइ । बेटी अपन पहिचान बनाबए, अपन सफलता अपन इच्छाके रंगसँ जीवनक कथा लिखए । मातापिता बेटीकँे पढालिखाकऽ जँ आत्मनिर्भर बनादैथि त कोनो बेटी अपन जीवन निर्वाहके लेल ककरो दोसरके आशमे नै रहत । बेटीकेँ लेल पढ़ल लिखन वरके खोजी केनाई, बेटीके सुखी जीवनके इच्छा रखनाई गलत नै छइ मुदा मातापिताके बेटीके क्षमतापर सेहो विश्वास करबाक चाही । बेटी तखने खुसी भऽ सकैत अछि जखन हुनका ककरो दोसरके अधिनमें नै रहऽ पड़त । जखन ओ अपन जीवन पुरा आत्मसम्मान सँ बिता सकथि । बेटीकेँ ककरो दोसरके जिम्मामे देबसँ पहिने अपन जिम्मेवारी उठेबाक काबिल बनादि त शायद कोनो बेटी ई गीत नै गओती –
"जाबे हम छलियै मायबाप राजमे औंटल दुध ने सोहाय
आब हम भेलियै परके पुतहुवा मिनती करैत दिन जाय ।”

साभार गोरखापत्र मैथिली पृष्ठ २०७१ साउन १६ गते

सुन्दर अभियानमे जुटैत जनसहभागिता

मनोज झा मुक्ति 
जौं ठानि लेल जाय, त कोनो काज असम्भव नहि ! से चरितार्थ भऽरहल अछि महोत्तरी जिल्लाक सुन्दर अभियानीसबहक सुन्दर काजसँ । 
श्रावण १० गते शनिदिन भटौलीया गाविसक अजमरपट्टी चौकसँ पर्सा गामधरि सडकक दुनूकात भिनसर आठबजेसँ नेपाली सेना, नेपाल प्रहरीक एसपी, शसस्त्र प्रहरीक डिएसपी, महिला विकास अधिकृत, वृहत्तर जनकपुरक अध्यक्ष राम कुमार शर्मा, स्वतन्त्र सभासद चन्देश्वर झाक प्रतिनिधि, राप्रपाक नेता प्रतिभा राणा, पूर्व सभासद वसन्ती झा, डिएफओ लगायतक बहुतो प्रतिष्ठीत व्यक्ति वृक्षारोपणमे मस्त छलाह । माइकमे किलोल कयल जाऽरहलछल– स्वतन्त्र सभासद चन्देश्वर झा २५ थान खोप, राम कुमार शर्मा १० थान खोप........एहि तरहें भऽरहलछल सुन्दर अभियानक वृक्षारोपण कार्यत्रmम ।
बीना बजेटके मधेशमे सेहो अपना माटिकलेल केहनो काज कएल जाऽसकैया, तकर उदाहरण प्रमाणित भऽरहलछल ओतुक्ता सुन्दर अभियानक वृक्षारोपणमे । सुन्दर अभियानी समाजसेवी भटौलीया पर्सा–७ निवासी महेश कुमार यादवक अगुवाई सम्पन्न भऽरहल कार्यत्रmममे सबकिछु सहयोगे माँगिकऽ सम्पन्न कएलजाऽरहलछल । वृक्षारोपणक सम्बन्धमे महेश कुमार यादव बतवैत छथि–‘एकडारा बेलाक सुन्दर अभियानमे हम सहभागी भेलौं, तहन हमरो लागल जे ई सुन्दर अभियानक वृक्षारोपण अजमरपट्टी चौकसँ पर्सा गामधरि होएवाक चाही । सुन्दर अभियानी मित्रसब मनोज झा मुक्ति, दिनेश चौधरी, उमेश यादव, सीतलाल साह लगायतक मित्रसँ छलफल आगु बढल । नेपाली सेना शेरगण प्रकौलीक गणपति विष्णु बहादुर कार्कीक उत्साह आ महोत्तरी वन अधिकृत(डिएफओ) विद्यानाथ झाक वृक्ष उपलब्ध करएवाक वचनवद्धतासँ बात आगु बढल । हमसब भटौलिया–पर्सा आ अजरमरपट्टी गाममे दरबज्जे–दरबज्जे बाँस मँगलहुँ, स्थानिया यूवा आ नेपाली सेना शेरगण प्रकौलीक २०टा जवानक दूदिना मद्दतिसँ बाँस कटलहुँ । वृक्षक रक्षार्थ डोमसँ बाँसकखोप बुनबेवाक बात भेल, १२० रुपैए जोड़ी बुनबाक बात तय भेल । लगभग १२०० खोप लागऽवला भेल । हमसब खोपक त्रmेता तकलहुँ । एकटा दाता १ सँ २५ धरि खोप दऽ सकैत छथि ।’
ओ आगा कहैत छथि–‘एहि वृक्षारोपणमे नेपाली सेना शेरगण प्रकौलीक मेजर सुमन कार्की नेतृत्वमे ५०टा जवान स्थानीय यूवाक उत्साह बढएवाकलेल सुन्दर अभियानमे श्रमकरवाकलेल पहुँचलाह । तहिना नेपाल प्रहरीक एसपी राम प्रसाद श्रेष्ठ, शसस्त्र प्रहरीक डिएसपी, महिला विकास अधिकृत चन्द्र कुमारी व्यञ्जनकार, वृहत्तर जनकपुरक अध्यक्ष राम कुमार शर्मा, स्वतन्त्र सभासद चन्देश्वर झाक प्रतिनिधि, राप्रपाक नेता प्रतिभा राणा, पूर्व सभासद वसन्ती झा, डिएफओ विद्यानाथ झा, राष्ट«पति चुरे संरक्षणक रामानन्द प्र.साह, समाजसेवी सरेश पाण्डे, आस्था नेपालक कमलेश सिंह, माँ भवानी सा.अ.केन्द्रक नवीन पाण्डे, शैलेन्द्र सिंह, गाविस कर्मचारी संघक राष्टि«य उपाध्यक्ष अजय कुमार शर्मा, मजफो नेपालक महोत्तरी अध्यक्ष राम नरेश यादव, पत्रकार महासंघक महोत्तरी अध्यक्ष इश्वरी पौडेल, जलेश्वर निवासी अनिल ठाकुर लगायतक स्थानीय यूवा÷बुद्धिजीबीसब सहभागी भऽ पहिल चरणक वृक्षारोपण सम्पन्न भेल ।’
अभियानी महेश कुमार यादव कहैत छथि जे आब दोसर आ अन्तिम चरणक काज एतऽ बाँकी अछि जे मँगोल बाँसके काटिकऽ खोप बनलाकबाद होएत आ तकरालेल सेहो एकटा गाछ आ खोप रोपनिहारसँ ६० टका सहयोग राशी लेल जाएत । एकटा दाता २५ टासँ बेसी खोप नहि किनऽ सकैतछथि । एहन–एहन पुनित काजमे बेसीसँ बेसी लोककेँ मौका भेटवाक चाही से हमरसबहक आशय रहल अछि ।’ हुनक कहब छन्हि–‘ वृक्षारोपण सम्पन्न भेलाकवाद बाँसदाता, गाछदाता, खोपदाता आ श्रमदाता सबहक नाम लिखल फ्लेक्सक गेट बनेवाक योजना सेहो हमर सबहक रहल अछि ।’ सुन्दर अभियानीसब इ प्रमाणित कऽरहल छथि जे हमसब जौं मेहनत करवाकलेल तैयार भऽजाई, तहन बिनु पाइयोकेँ केहनो काज कएल जाऽसकैत अछि । सहयोग केनिहारक कमी नहिं । नेपाली सेना सुन्दर अभियानमे बहुत पैघ भूमिका खलैत महोत्तरीकेँ सुन्दर बनयबाक काजमे सुन्दर अभियानी युवाके सँग दऽरहल अछि ।
जरुरी अछि सुन्दर अभियानकेँ गाम–गाममे शुरु कऽदेवाक ।   
कि अछि सुन्दर अभियान ? केहन भऽरहल अछि काम ?
‘सुन्दर अभियान महोत्तरीक किछु यूवा सबहक सामूहिक विचारसँ शुरुभेल ई अभियान कोनो सरकारी या गैरसरकारी संस्था जकाँ कतौ दर्ता नईं अछि आ कहियो होएबो नई करत’ ई कहब छन्हि सुन्दर अभियानी महोत्तरी जिलाक पीपरा गामक नर्सरी व्यावसायी दीनेश चौधरीकें । ओ कहैत छथि–‘ मात्र सरकार भरोसे या विदेशी एनजियो÷आइएनजियोक भरोसे गाम, समाज या देशक विकास नईं होएत । जाधरि हमसब श्रमदान करबाक काजकेँ पुनः शुरुवात नईं करब, ताधरि कोनो प्रकारक टिकाउ विकास भेनाइ असम्भव अछि । अपन समाजक विकासलेल हमरा सबके अपने काज करबाकलेल आगु बढऽ परत । ताँए अपन काजक अतिरिक्त जे समय बँचैत अछि, ओ अपना माटिकलेल खर्च केनाइ अछि –सुन्दर अभियान ।’ सुन्दर अभियानी, पीपरा निवासी उमेश यादव अभियानक कार्यत्रmमक सम्बन्धमे कहैत छथि– ‘आँहा अपन जे व्यावसायमे लागल छी ताइमे इमान्दारी पूर्वक अपन भूमिका निर्वाह कऽदियौ, याह छै–सुन्दर अभियान । जेना आहाँ विद्यार्थी छियै, त आँहाँ नीकजकाँ पढिदियौ वएह छियै सुन्दर अभियान ।’ ओ आगा कहैत छथि–‘सुन्दर अभियानमे अखन हमसब वृक्षारोपण, अपन गाम अपने सुन्दर बनाबु आ रिक्वेस्ट(आग्रह) अभियान दिस काज कऽरहल छी । अखन वर्षात मौसम भेलाक कारणे हमसब वृक्षारोपणमे लागल छी । अखन भटौलिया–पर्सा गाविसके सुन्दर अभियानी(समाजसेवी) महेश कुमार यादवक अगुवाईमे भटौलिया गाविसक अजमरपट्टी चौकसँ पर्सा गाम धरिक १४०० मिटर सडकक दुनूकात वृक्षारोपण भऽरहल अछि, जकर पहिल चरणक वृक्षारोपण सम्पन्न भऽ गेल अछि । एहिसँ पहिने महोत्तरी जिलाक एकडारा गविसऽक बेला सडकपर–अपन गाम अपने सुन्दर बनाबु सम्पन्न भेल छल, राधेश्याम तिवारीक अगुवाइमे भेल कार्यत्रmममे नेपाली सेना शेरगण प्रकौली ब्यारेकक गणपति विष्णु बहादुर कार्कीक नेतृत्वमे ५० जवान नेपाली सेना, तात्कालिक सिडियो राम प्रसाद थपलिया, डिएफओ विद्यानाथ झा, महिला विकास अधिकृत चन्द्र कुमारी व्यञ्जनकार, शसस्त्र प्रहरी एकडारा वेस क्याम्पक इन्सपेक्टर राजेश कुमार साह सहित २० जवान, सेवा निवृत शिक्षक श्रीकान्त झा, समाजसेवी महेश कुमार यादव, मनोज झा मुक्त,राम जनम यादव, दिनेश चौधरी, शिक्षक लोचन ठाकुर लगायतक स्थानीय वासीकसबहक सहभागिता छल । एहिमे सरवत पिवाकले जे चिन्नी आ नेबो लागलछल ओ सिडियो, डिएफओ, गणपति, महिला विकास अधिकृत, दिनेश चौधरी आ मनोज झा मुक्तिद्वारा उपलब्ध कराओलगेल छल । एकर परिणाम ई भेल जे जाई बेला गामक बहुतो गल्लीमे रिक्सा नईं जाइत छल तकराबाद ओही गल्लीसबमे एम्बुलेन्स जएवाक बाट बनिगेल अछि । तहिना लगभग चारि÷पाँच वर्ष पहिने जलेश्वरक भारीकुट्टी पर नेपाली सेनाक सहयोगमे विभिन्न फूल रापिकऽ सजाओलगेल छल जाही मध्ये आजुक दिनमे एकौटा फूल वा कोनो गाछक नामो निशान नइ अछि, जतेऽ बाँस ओतऽ लागलछल ओ सब सारी ग्रामवासीसँ हमसब मँगने छलहुँ आ शसस्त्र प्रहरीक मदतिसँ भारीकुट्टीपर मँगवेने छलहुँ । तेसर अछि, रिक्वेस्ट(आग्रह) अभियान जाहिमे जिला शिक्षा अधिकारी या जिल्ला प्रमुखक उपस्थितिमे अभियानीसब स्थानीय शिक्षक÷कर्मचारीके अपन ड्यूटी इमान्दारी पूर्वक निर्वाह कऽ देवाकलेल आग्रह कैल–करैत छथि ।’ सुन्दर अभियान केओ, कहिया आ कतौ शुरु कऽ सकैत छथि । एहिमे सबकियो अध्यक्ष रहैत छथि । आहाँके जौ ई काज नीक लागिगेल त अखनेसँ आँहाँ सुन्दर अभियानक अध्यक्ष अपनाके बुझु आ शुरु कऽदिय सुन्दर अभियान आइएसँ !
साभार गोरखापत्र मैथिली पृष्ठ २०७१ साउन १६ गते