2016-10-02

घिक्कारः सन्दर्भ अपने

कृष्ण भक्त श्रेष्ठ

पहिने–पहिने
आदमी बूढ़ होइत छल
भेवे कएल
हमरा बाबा–दादाके समयमे सेहो
हँ, आदमी बूढ़ भेल
आइ हमरा समयमे
यन्त्रवत्
ओ निरन्तरता पाबि रहल अछि
फरक मात्र एतबे
जे एहि बेर
हम अपनेबूढ भऽ गेलौ
जानि नेजानि किछु औचित्यहीन
आ असान्दर्भिक सेहो
एकटा अनौपचारिक फसिल
कडासँ कडा
वास्तविकतासँ विभत्स
पक्का–पक्की ई केयो अपवाद नहि अछि
जन्मेसँ
घिक्कारे मोचराएल
आइ हम अपने
दोसर घिक्कार जन्मसँ
घिक्कार ! घिक्कार !
(अनुवादः रामदमाल राकेश)

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