2017-07-17

राजपाट आ अनबुझ दोलत्ती


कालिकान्त झा तृषित
राजपाट
राष्ट्रिय जनता पार्टी विधिवत दर्ता होबऽ जा रहल छैक । मुसरी बाबू सेहो एकर एहि नामसँ बड़ प्रसन्न छथि । हुनक कहब छनि जे एहि पार्टीकँे इएह नाम विशेष रूपे सूट करैत छैक, राजपा अर्थात राजपाट दिआबऽ बला पार्टी । नहि विश्वास होअए त इतिहास देख लिऔ जे कोनो पूर्वबर्ती सरकार गठन भेल छलैक तै सब मे इ लोकनि समर्थन करैत आएल छथिन से चाहे ताहि समयमे जाही नामधारी पार्टीमे रहल छल होथि । आब इ बात दीगर छैक जे सरकार राज्यारोहण करिते हिनके लोकनि के भष्मासुर जेकाँ तह लगएबाक हेतु चहेटऽ लगलनि ।  सधुआ लोकसब निष्कर्षविहीन वार्तामे अन्दर–बाहर होइत रहलाह से क्रम एखनो निर्बाध रूपे चलिए रहल छैक ।
प्रचण्डजीक राज्यारोहणमे समर्थन कएलनि हुनक ९ महिनाक कार्यकाल बितलनि गर्भावस्थाधरि सम्झौता बार्ता सब होइत रहलै से अल्ट्रासाउण्डमे देखाइतो रहलै मुदा उपलब्धि गर्भान्हरे रहलै आब से कार्यभार अर्थात सेरोगेट मदरबला जिम्मेवारी देउवाजीके जिम्मा अएलनि । प्रथमे ग्रास मच्छिका पात भऽ गेलै । बीबीसीके कोनो कार्यक्रममे एकटा छौंड़ा सुनैछी अक्सफोर्ड विश्वविद्यालयकँे सर्टिफिकेट माँगि देलकनि बूझू जे फेर योग्यतापर प्रश्न उठा देलकनि । इ त संयोग नीक छैक जे ज्ञानेन्द्रकेँ शासन नहि छलनि नहि त पुनः नवका प्रमाणपत्र हाथ लागि जइतनि । बूझू जे सबतरहेँ सबहक रक्षा भऽ गेलनि ।
आब एमाले पार्टीबलासब वामदेव गौतमजीके अश्वमेधकेँ घोडा जेकाँ प्रधानमन्त्री पदक हेतु नाम आगाँ बढ़ा देने अछि । ओ अपनो किछु पहिनहिसँ रत्नपार्क लग वर्जित ठामसँ रोड क्रस करैत सिंहदरबार दिस टांग उठा देने छलखिन जे फोटो भाइरल भऽ गेल छल । एहि प्रसंगमे एमाले पार्टीके सेहो आब राजपाट दिआबऽ बला पार्टीके जरूरत पड़ि गेल छनि । एमालेके नेतालोकनि फेर कहाँदन बेसिए लचकि रहल छथिन आ संशोधित संस्करण अएला पर संविधान संशोधनक हेतु ओ सब अग्रणी भूमिकामे रहथिन आखिर राजपाटबला स्वार्थसँ आबद्ध बात छैक ।
ओना त एहिठामक मिडियापर विश्वास करब कठिन छैक, झूठो फूइस बातके सोरहो आना ग्यारेन्टीए दैत समाचार सम्प्रेषण करैत रहैत छैक तहन बिना आगिए धुआँ हएबपर कोना विश्वास करबै ? कहाँदन भीतरे भीतरे एमाले आ राजपाट दिआबऽ बला पार्टीमे किछु खिचडी पाकि रहल छैक से तेहने गन्ध दुर्गन्धसँ प्रदूषण बढ़बाक सम्भावना बढ़ि गेल छैक ।
बाँकी बात त सूरदासकँे घी जेकाँ गडगडाएगा तब समझेँगे ।

अनबुझ
वादी कहे बाङ, पञ्च कहे पोला, नेपाल सरकार पथलक गोबरचोते के गोला ।। समस्याक रूप मे उपस्थित मांग वा प्रसंगक समाधानक हेतु तत्सम्बन्धी इमान्दारीपूर्ण प्रयासमे वार्ता वा निर्णय हएब महत्वपूर्ण होइत छैक से बात त जग जाहिरे छैक । एहनमे घाव कहीँ आ पौ कहीँ के हिसाबसँ कहियो समाधान नहि भऽ सकैत छैक । बरू समस्या अओर जटील होइत जएबाक सम्भावना बढैत रहैत छैक, से तहिना अधिकार प्राप्तिक हेतु आन्दोलनरत मधेशी जनजाति पिछड़लवर्ग सभहक मांगके विषयमे बूझियोकऽ बूझ पचबैत सत्तापक्ष प्रदेश नम्बर २ केँ चुनाव बादमे करएबाक अयुक्तिसंगत निर्णय कोन प्रयोजनसँ कएने छैक से अनबूझ बुझौअलि (पहेली) बनि गेल छैक ।
सत्तापक्ष सहमतिएमे निर्णय कएने छी से कहैत छैक मुदा आन्दोलितपक्षक ने ओहन कोनो मांग छैक आ ने कोनो सहमति कएने छैक । अतः सत्ता पक्षक प्रपञ्च स्वतः उजागर भऽ गेल छैक यद्यपि हाथमे मिडिया छैके तकर दुरूपयोग करैत आन्दोलनके बदनाम करबाक हेतु गलत प्रचार करबा रहल छैक
सोशल मिडियामे सेहो स्वनाम धन्य अनलाइन पत्रकार सब ठकुरसुहाती समाचार सम्प्रेषण कइए रहल छथि । एम्हर इहो बात खूब चर्चा होइत रहल छैक जे चुनावमे भाग नहि लेलासँ राजपाकेँ अस्तित्व समाप्त भऽ जएतै, भारत सेहो भाग लेबाक हेतु दबाब दऽ रहल छैक, किछु नेता जे मधेशेके मुद्दासँ सर्वत्र चिन्हार भेला, पद–प्रतिष्ठा कमाइ धमाइ सब भेलनि से हुनको एखन राष्ट्रियता की अराष्ट्रीयता तेहन जोर मारने छनि जे बुद्धि विचारसब गिरगीट जेकाँ रंग बदलि रहल छनि वा रामहिलोरा जेकाँ खूब आगा पाछा अल्टी पल्टी मारि रहल छनि लोक आश्चर्य मे अछि “छी इ केहन पनिमरूआ आदमी भ गेलै ।”

जहाँतक भारतके सवाल छै, भारत सरकारक आधिकारिक धारणा आबि गेल छैक जाहि मे स्पष्ट कहल गेल अछि जे “नेपालमे समावेशी संविधानक लेल समाजक सभ तह आ तप्काकेँ साथ लेब आवश्यक अछि, समावेशी संविधानक आकांक्षाकेँ समर्थन ।” नेपाल सरकारके गद्दीपर जे कियो रहला एहि वास्तविकतासँ मुँह मोड़नेहे रहलाह, समस्याके एक दोसर दिश हस्तान्तरण करैत गेलाह, अपन अपन पार पुरबैत गेलाह, तही क्रममे आब देउवा जी जाग्रत छथि । हिनको सोच आलेटाल बला बुझाइत छैक फेउर कहीँ नओ महिनाक बाद इहो नौ दू एगारह होइथिन आ पुनः प्रचण्डजीक गद्दी रोहण हएतनि अथवा कोनो दोसर बिलराक भागसँ सीक टुटतै से प्रतिक्षाक विषय रहत । इ सब होइते रहतै आ आन्दोलनरतके रस्ता बन्द नहि कएल जएतनि । जयचन्द सबके अगहनी होइत रहतनि । 

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