जनकपुर आब फैल भऽ रहल अछि ।
कियाक त सडककेँ अतिक्रमण हटएबाक काज जाहि रुपेँ गति लेलक ताहिसँ बर्षोंसँ जकड़ल
समस्या समाधान हएबाक आश जागल अछि । जानकी मन्दिर लगपासके क्षेत्रमे बहुत बेर सडक
अतिक्रमण मुक्त करएबाक नियार भेल रहए मुदा से नहि भऽ सकल । कहियो राजनीतिक नेतृत्व
नहि चाहलक त कहियो प्रशासनके अधिकारी मुँह मिठकऽ कऽ चुप बैस गेल । मुदा एखन नामी
मिष्ठान्न भण्डार जहन ढहलए तहन आम जनकपुरबासीके ई आभाष भेलए जे एत्तउ राज्य अछि ।
कियाक त जनकपुरक विकासके बाधक की की अछि एकर सूची जहन बनाबी त सडक बिस्तार नहि हएब
सेहो प्रमुख समस्याक रुपमे आगू अबैत अछि ।
विकास सडकके माध्यमसँ अबैछइ
एहिमे किनको दू मत नहि हएत । ई बात जनकपुरक सडक अतिक्रमण कऽ महल बनओनिहारके नईं
बुझल छलै एहन बात नहि मुदा ओ अपन हितमात्र देखलक । जनकपुर कुरुप होइछइ त होउ हमरा
कि मतलब ? एहने मानसिकताक उपज छल जे स्थानीय सडक
अतिक्रमणकारीसभ कहियो विकासके पक्षमे ठाढ़ नहि भऽ सकल ।
जनकपुर नगरपालिकामे कतेको
नेतृत्व बदलल, सभगोटे ई बात मानैत छल जे सडक
विस्तार करब, सरकारी जमिन अतिक्रमणमुक्त
कराएब मुदा साहस कियो नहि कऽ सकल । हँ शाही सरकारके समयमे जनकपुर नगरपालिकाके कमान
सम्हारनिहार तत्कालीन मेयर राजदेव मिश्र अपवाद छथि । मिश्र अपन कार्यकालमे जनकपुर
अञ्चल अस्पताल रोडमे सडक अतिक्रमण मुक्त करएबामे जे योगदान छथि से सराहनीय अछि ।
ताहिके बाद कोनो जनप्रतिनिधिके ओ अवसर सेहो नहि भेटलैया । मुदा जहिया भेटल छलनि
तहिया जनकपुर नगरके सडक विकासके लेल कोनो ठोस काज नहि भऽ सकल । बादमे स्थानीय
निकाय खाली होइत गेल । कर्मचारी दुनू हाथे खाएलागल । नगरके अवस्था दिनानुदिन दयनीय
बनैत गेल ।
एखन जे गति लेने अछि
अतिक्रमणमुक्तके ताहिसँ बड़का सम्भावनाक द्वारि खोलल जा सकैया । जहिना घरसभ तोड़िकऽ
सडक विस्तार कएल गेल । तहिना आब सभकियो मिलिकऽ जनकपुरके व्यवस्थित बनएबामे योगदान
करथि ।
कियाक त प्राचीन मिथिलाक
राजधानी कहिकऽ गर्व कएलेसँ मात्र नहि हएत । एखन शहरके विश्वव्यापी मापदण्डके
आधारपर जनकपुरकेँ मूल्यांकन कएल जाय । आ निष्कर्ष निकालल जाय जे कत्तेक पाछु छी ।
मच्छर आ सुग्गरके समस्या, सडकपर गर्दा, अव्यवस्थित नाला जेहन बहुतो समस्या सुरसा जकाँ मुँह बओने
अछि । तकर समाधान कोना कएल जाय ताहिलेल सरोकारवालाकेँ समाधान खोजबाक चाही ।
धार्मिक आ पर्यटकीय अथाह
सम्भावना रहल जनकपुरके विश्वस्तरमे चिन्हएबालेल जनकपुरबासीके संकल्प करऽपड़त ।
सुन्दर आ स्वच्छ जनकपुरके नारा लऽकऽ सभकियो जहन जुटि जाय त ई ऐतिहासिक स्थानके
विश्वस्तरमे स्थापित पर्यटकीयस्थल बनऽसँ कियो नहि रोकि सकैया । साभार नयाँ नेपाल २०७१ साल अषाढ १६ गते
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