मैथिली भाषा–साहित्य आ कला–संस्कृतिक विकासकेँ
गति देबऽके उद्देश्यसँ नेपाल मैथिली प्रज्ञा प्रतिष्ठान गठनलेल प्रयास शुरु भेल
अछि ।
हालहिँ वृहत्तर जनकपुर
क्षेत्र विकास परिषद, त्रिभुवन
विश्वविद्यालयक मैथिली केन्दीय विभाग, नेपाल विद्यापति
पुरस्कार कोष आ मैथिली विकास कोष संयुक्त रुपमे प्रतिष्ठानक गठनकँे प्रारुप
प्रस्ताव कएलक अछि ।
मैथिली भाषीकेँ अलग
प्रतिष्ठानक अभावककुन्ठावोधसँ उन्मुक्ति, नेपाल आ नेपाली कला–साहित्यक परिधि बिस्तार करबालेल प्रतिष्ठान आवश्यक रहल प्रस्तावमे कहल गेल अछि । “प्रतिष्ठान गठनसँ
भाषिक–साहित्यिक, सांस्कृतिक द्वन्दसँ
मुक्ति आ अस्मितावोध, पहिचानक भावना बढ़त” प्रारुपमे लिखल अछि । राज्य मैथिली प्रज्ञा प्रतिष्ठान
स्थापनाकऽ मैथिली भाषा–साहित्य, कला–संस्कृतिक संरक्षणके
मुद्दाके सम्वोधन करए से माङ कएल गेल अछि ।
प्रतिष्ठानमे मैथिली भाषा–साहित्य, कला–संस्कृति, नाट्य एवं रंगमञ्च, गीत–संगीत, लोकसाहित्य आ बालसाहित्य, संचार आ खेल–मनोरंजन विधाकेँ समेटल जायत ।
नेपाल सरकार आन प्रज्ञा
प्रतिष्ठाने जकाँ एकर संरचनागत ढाँचा आ बजेट व्यवस्थापन करबाक माङ प्रस्तावित
प्रारुपमे कएल गेल अछि ।
मैथिली विभागक प्रमुख
परमेश्वर कापड़ि प्रस्तावित प्रतिष्ठान स्थापनाक प्रारुप राजनीतिक दल, जनकपुर क्षेत्रक सांसद, नेता आ बुद्धिजीवीकेँ
दऽ कऽ सहयोग करबाक आग्रह कएने छी से कहलनि । सभगोटे प्रतिष्ठान स्थापनाक लेल
सकारात्मक देखल गेल छथि आशा अछि जे ओ सभ एकरा मूर्त रुप देबऽमे सेहो सहयोग करता
कापड़ि बतओलनि ।
प्रस्तावित प्रारुपमे परिषद्क
अध्यक्ष रामकुमार शर्मा, मैथिली विभाग आ
विद्यापति कोषक अध्यक्ष कापड़ि आ मैथिली विकास कोषक अध्यक्ष जिवनाथ चौधरी संयुक्त
रुपमे हस्ताक्षर कएने छथि ।
साभार नयाँ नेपाल २०७१ साल अषाढ १६ गते
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