जनकपुर अञ्चल अस्पताल बेर
बेर चर्चामे अबैत रहैत अछि । कहियो अपरेशनके क्रममे चिकित्सक रुमाल रोगीके पेटमे
छोड़ि देलक से घटना बाहर अबैत अछि त कहियो रोगी छटपटाइतो डिउटीमे खटल चिकित्सक
आरामसँ सुतल रहैत अछि से खबर बाहर अबैत अछि ।
एखन जनकपुर अञ्चल अस्पताल
फेरसँ चर्चामे अछि । अस्पतालके एकगोटे चिकित्सक निजी क्लिनिकके तुलनामे अस्पतालके
सेवा महग रहल तथ्य विषय सामाजिक संजालपर रखलाक बाद अस्पतालसँ देल जायबला सेवा,
सुविधा चर्चाके विषय बनल अछि । अञ्चलस्तरीय
अस्पताल रहितो अस्पतालसँ देल जायबला सेवासुविधाके स्तर स्वास्थ्यचौकीयोसँ बत्तर
अछि ।
अस्पतालके चिकित्सकसभके
गैर जिम्मेवारीपनके कारण अस्पतालसँ सामान्य रोगमे सेहो रोगीके उचित उपचार नहि
भेटैत छैक । अस्पतालमे कार्यरत चिकित्सक अस्पताल रोडमे रहल अपन निजि क्लिनिकमे
बेशी अस्पतालमे कम समय दैत अछि । कतेको चिकित्सक अपन डिउटी समयमे सेहो अपन
क्लिनिकमे अस्पतालसँ रेफर कएल रोगीके इलाजमे लागल रहैत अछि ।
अस्पतालमे रहल आधुनिक
मेशिनसभके मेडिकल माफियासभ प्रयोगविहीन बनाकऽ रोगीके विभिन्न जाँचके लेल निजि
नर्सिङ होममे रेफर करबाक त चलन भऽ गेल अछि । जनकपुर अञ्चल अस्पताल रोडमे रहल
चिकित्सकसभके निजी क्लिनिक बेशी शुल्क लऽकऽ रोगीके जाँच करैत अछि, वएह रोगी अस्पतालमे जाइत अछि आ सम्बन्धित
चिकित्सकसँ जाँच कराबऽ चाहैत अछि त ओ चिकित्सक उपलब्ध नहि रहैत अछि ।
अञ्चल अस्पतालके ई दुरावस्था
कोनो नव बात नहि । आब इ विचारब जरुरी जे आखिर किया एना भऽ रहल छै । मेस्तरसँ लऽकऽ
मेडिकल सुपरिटेण्डेण्टधरि स्थानीयबासी अछि । पछिल्का एक दशकसँ बेशी समयमँ अञ्चल
अस्पतालके कमान धनुषा महोत्तरीबासीके हाथमे अछि । तैयो अस्पतालके स्रोत, साधनके दोहन आ रोगीके स्वास्थ्यसँ खेलवाड किया
नहि रुकल अछि । आमरुपेँ जनकपुरमे दोष लगाओल जाइत अछि जे बाहरके लोक आबिकऽ एत्तऽ
अधिकारी बनैया तेँ विकास नहि भेल । एहन आरोप लगेनिहारके अस्पतालके तथ्यांक पल्टाकऽ
देखबाक चाही । के के मेसु बनलाह ? अस्पताल विकास
समितिके अध्यक्षके तलब भत्ता के बुझलक ? ओ सभ अस्पतालके सुधारबास्ते की सभ कएलक ?
अस्पतालके कोनो एहन वार्ड
आ सेवा नहि अछि जत्तऽ रोगी निश्चिन्त भऽ कऽ इलाज करासकए । कत्तउ दुर्गन्ध त कत्तउ
मेशिन बिगरल । कहियो डाक्टरके अभाव त कखनो बिजली गुल । अस्पतालके एहन अवस्था
देखिकऽ पाइबला त धरान, काठमाण्डू नहि त
दरभंगा, पटना चलि जाइत अछि । गरिब,
असहाय एखनो अपन जान जोगाबऽलेल वएह गन्हाएल
अस्पतालक अपन साँस खोजैत अछि । ओ तऽ जनकपुरोके कोनो नर्सिङहोममे चिकित्सकके फिस
देबऽके सामथ्र्य नहि रखैत अछि । एहन अवस्थामे अस्पताल शोषणके केन्द्र बनल अछि ।
रोगीसभके आरोप अछि जे
नवसिखुआ विद्यार्थीसभ मात्रे इलाजबास्ते उपलब्ध रहैत अछि डाक्टरके त दर्शनो दुर्लभ
। जँ रोगी अस्पतालके व्यवस्थाके विरोध करैत अछि त ओकरा डाँटल फटकारल जाइत अछि ।
पत्रकार अजय अनुरागी, घनश्याम मिश्र
हालहिँ अस्पतालके दुरावस्थाके फेसबुकपर लाइभ देखाकऽ एहिके बहसमे आनि देने छथि ।
अस्पतालमे गरिब, असहायके लेल सरकारद्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराओल
उपचार कहिया ककरा देल गेल ? निःशुल्क औषधिके
वितरण केनाकऽ भऽ रहल अछि ? अस्पतालके अपन
मेशिनसभहोइतो किया रोगीके बाहर जाँचबास्ते पठाओल जाइत अछि ? चिकित्सक डिउटीसमयमे किया नइँ उपलब्ध रहैत अछि ? एहन सयकड़ो प्रश्न अछि जकर जवाफ अस्पताल प्रशासन
नहि दऽ सकल अछि ।
अञ्चल अस्पताल स्वास्थ्य
सेवाक दृष्टिसँ दिनप्रतिदिन जर्जर हेबाक कारण खोजब जरुरी छै । जनकपुर क्षेत्रमे
एकसँ एक चिकित्सकसभ अछि जे अस्पतालके नोकरीसँ प्रतिष्ठित भेल अछि, ओसभ अस्पतालके विकासमे कि सभ कएलनि से पुछल
जयबाक चाही । पदलोलूप नेतासभ अस्पतालके सञ्चालक समितिमे रहिकऽ कोन कोन विषयमे
सुधार कएलक तकर जवाफ सेहो जनकपुरवासीके मांगक चाही ।
क्लिनिकमे समय देब खराब
नहि, मुदा अस्पतालमे आएल
रोगीके फल्ना क्लिनिकमे हम बैसइ छी, ओत्तइ भेटू से कहीकऽ दोकानदारी करब केहन नैतिकता छै ? अस्पतालके मेशिन बिगाडिकऽ निजी क्लिनिक आ नर्सिङ होमके
दलाली केनिहारउपर किया नहि छानबिन होइत छै ? अस्पताल सर्वाङ रोगी भऽ गेल अछि । जाधरि एकर सभ अंग
प्रत्यंगके इलाज ठिक तरहेँ नहि हएत समस्या समाधान नहि हएत । सफाइ केनिहार मेस्तरसँ
लऽ कऽ मेनेजर बनल मेसुधरिके जिम्मेवारी बोध करऽ पडतै ।